साझेदारी संलेख के अभाव में लागू होने वाले नियम
जब साझेदारों के बीच कोई लिखित ठहराव समझौता अनुबंध या साझेदारी संलेख नहीं हो तो ऐसी दशा में भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 की धारा 12 से धारा 17 में वर्णित नियम निम्न लिखित नियम लागू होंगे
1) प्रबंध प्रबंध एवं संचालन - भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 के अनुसार कार्य का प्रबंध एवं संचालन सभी साझेदार करेंगे परंतु यदि संलेख में कोई नियम बना लिया गया है तो फिर उस नियम के आधार पर प्रबंध एवं संचालन किया जाएगा।
2) पूंजी पर ब्याज- साझेदारी अधिनियम 1932 के अनुसार साझेदारों को पूंजी पर ब्याज नहीं दिया जाएगा परंतु यदि संलेख में उल्लेख है तो फर्म के लाभ में से दिया जाएगा।
साझेदारी संलेख के अभाव में लागू होने वाले नियम
Reconstitution of Partnership Class 12 Accountancy ।। पुनर्गठन
Admission of a New Partner || नये साझेदार का प्रवेश
3) आहरण और आहरण पर ब्याज - भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 के अनुसार साझेदारों को आहरण का अधिकार होता है परंतु आहरण पर ब्याज नहीं लिया जाएगा यदि संलेख में उल्लेखित है तो आहरण पर ब्याज लिया जाएगा।
4) लाभ का विभाजन -फार्म के लाभ हानि का विभाजन साझेदारों में समान अनुपात में किया जाएगा परंतु संलेख में कोई अनुपात निश्चित किया है तो उस अनुपात में विभाजन होगा
5) ऋण पर ब्याज- यदि कोई साझेदार अपने भाग की निर्धारित पूंजी से अधिक रकम स्वर्ण में लगाता है तो वह इस अतिरिक्त रकम पर 6% वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा
6) पारिश्रमिक- किसी भी साझेदार को व्यवसाय में भाग लेने के लिए कोई पारिश्रमिक लेने का अधिकार नहीं होगा।
साझेदारी संलेख के अभाव में लागू होने वाले नियम
Reconstitution of Partnership Class 12 Accountancy ।। पुनर्गठन
Admission of a New Partner || नये साझेदार का प्रवेश
7) फार्म की संपत्ति का उपयोग -फार्म की समस्त संपत्ति ख्याति सहित साझीदार द्वारा केवल फॉर्म के व्यापार के लिए ही रखी जाएगी एवं प्रयोग की जाएगी

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